धमतरी में महिला प्रोफेसर की दर्दनाक मौत, सुसाइड नोट में लिखा – “Sorry Mummy-Papa”

धमतरी में महिला प्रोफेसर की दर्दनाक मौत, सुसाइड नोट में लिखा – "Sorry Mummy-Papa"


धमतरी: महिला प्रोफेसर सुषमा साहू की संदिग्ध आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा – “Sorry Mummy-Papa”



धमतरी में महिला प्रोफेसर की दर्दनाक मौत, सुसाइड नोट में लिखा – “Sorry Mummy-Papa”


धमतरी जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। कैलाशपति नगर में रेंट पर रह रही सुषमा साहू, जो नारायण राव मेघावाले महिला कॉलेज में रसायन शास्त्र (Chemistry) की गेस्ट प्रोफेसर थीं, ने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

क्या लिखा था सुसाइड नोट में?

घटना स्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें लिखा गया:

“Sorry Mummy-Papa, Please Forgive Me. I am ending my life by choice.”

यह नोट पढ़कर हर कोई स्तब्ध है। परिवार और कॉलेज स्टाफ के बीच शोक की लहर है।

कब और कैसे हुई घटना?

यह घटना 25 जून की रात की बताई जा रही है। पड़ोसियों ने जब दरवाजा कई बार खटखटाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं पाई, तो पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और देखा कि सुषमा फंदे से लटकी हुई थीं।

पुलिस जांच में क्या सामने आया?

धमतरी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। अब तक की जांच में आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस परिवार वालों और कॉलेज के साथियों से पूछताछ कर रही है।

कौन थीं सुषमा साहू?

सुषमा साहू एक शिक्षिका थीं और नारायण राव मेघावाले महिला महाविद्यालय में गेस्ट लेक्चरर के रूप में कार्यरत थीं। वह शैक्षणिक क्षेत्र में अनुशासन और मेहनत के लिए जानी जाती थीं। उनका अचानक इस तरह चले जाना सबको चौंका गया है।

क्या यह मानसिक दबाव का मामला है?

प्रारंभिक तौर पर यह मानसिक दबाव या डिप्रेशन का मामला माना जा रहा है, लेकिन पुलिस ने अभी कोई ठोस बयान नहीं दिया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और शिक्षा प्रणाली में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की मांग की है।

समाज में उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षणिक दबाव और युवाओं में अकेलेपन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य सहयोग की ज़रूरत है? क्या कॉलेजों में काउंसलिंग ज़रूरी हो चुकी है? ये सारे सवाल अब चर्चा का विषय बन गए हैं।

निष्कर्ष

धमतरी की इस घटना ने सभी को झकझोर दिया है। सुषमा साहू जैसी शिक्षिका का यूं चले जाना केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की क्षति है। यह समय है कि हम सब मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सहयोग को गंभीरता से लें।

Disclaimer:

यह समाचार पुलिस सूत्रों, समाचार एजेंसियों एवं प्रिंट मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है। आत्महत्या एक संवेदनशील विषय है। मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहे व्यक्ति 1800-599-0019 जैसे हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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