नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार, भेजा गया जेल

प्रकाशित तिथि: 1 मई 2025
रिपोर्टर: न्यूज़ डेस्क

संक्षिप्त विवरण:

वर्ष 2018-19 के दौरान मंत्रालय के विधि विभाग में सहायक विधि काउंसलर के पद पर भर्ती कराने का झांसा देकर पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी चंद्रकांत सिन्हा को कुरूद पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।

नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार, भेजा गया जेल

घटना का विवरण:

प्रार्थी राकेश कुमार देवांगन, उम्र 41 वर्ष, निवासी कुरूद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि विवेक पटनायक के माध्यम से उसकी पहचान मंत्रालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 चंद्रकांत सिन्हा से कराई गई। चंद्रकांत ने उसे बताया कि विधि विभाग में सहायक विधि काउंसलर पद हेतु भर्ती निकली है, और इस पर नियुक्ति के लिए ₹5,00,000 की मांग की गई।

प्रार्थी ने भरोसा कर ₹4,93,000 अलग-अलग किश्तों में चंद्रकांत सिन्हा और उसके सहयोगी विवेक पटनायक को दिए। जब नौकरी नहीं मिली और पैसे वापस मांगे गए, तो आरोपी टालमटोल करता रहा।

पुलिस कार्यवाही:

मामला थाना कुरूद में धारा 420, 34 भादवि के तहत अपराध क्रमांक 385/22 में दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार ने इस लंबित प्रकरण का तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए। एसडीओपी कुरूद श्रीमती रागिनी मिश्रा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी राजेश जगत के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपी की तलाश शुरू की गई।

मुखबिर सूचना पर आरोपी को मठपुरैना, रायपुर से गिरफ्तार कर थाना लाया गया।

आरोपी का इकबाल-ए-जुर्म:

गवाहों के समक्ष आरोपी ने स्वीकार किया कि वह 2010 से 2018 तक मंत्रालय में कार्यरत था और उसी दौरान विवेक पटनायक ने प्रार्थी से मिलवाया। उसने ₹4,93,000 में से एक रेडमी मोबाइल फोन खरीदा और शेष राशि खाने-पीने में खर्च कर दी।

पुलिस ने आरोपी के पास से एक Redmi एंड्रॉयड मोबाइल (कीमत ₹12,000) और ₹10,000 नकद बरामद किए।

अन्य आरोपी की तलाश जारी:

पुलिस द्वारा विवेक पटनायक की तलाश जारी है और जल्द गिरफ्तारी की संभावना है।

आरोपी का विवरण:

  • नाम: चंद्रकांत सिन्हा
  • पिता का नाम: शिवलाल सिन्हा
  • उम्र: 36 वर्ष
  • निवासी: रक्सी, थाना छुरा, जिला गरियाबंद (छ.ग.)

प्रशंसा योग्य टीम:

इस कार्यवाही में निरीक्षक राजेश जगत, सउनि अजय बनारसी, प्रआर जय कन्नौजे, आरक्षक गोपाल चंद्राकर और डेनेश्वर बाबू टंडन का विशेष योगदान रहा।

निष्कर्ष:

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है उन लोगों के लिए जो नौकरी लगाने के नाम पर ठगों के जाल में फंस जाते हैं। पुलिस की तत्परता से यह मामला सुलझा और आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचा।

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