स्थान: मुरुमसिल्ली, धमतरी जिला, छत्तीसगढ़
प्रकाशन तिथि: 17 मई 2025
परिचय
धमतरी जिले का मुरुमसिल्ली बांध अब केवल एक सिंचाई परियोजना नहीं, बल्कि एक उभरता हुआ पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा हाल ही में घोषित योजनाओं के तहत इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व इसे विशेष बनाते हैं।
इतिहास और महत्व
मुरुमसिल्ली बांध का निर्माण स्वतंत्रता पूर्व काल में 1914 में शुरू हुआ और 1935 में पूरा हुआ। इसे ब्रिटिश इंजीनियरों द्वारा डिजाइन किया गया था और यह देश का पहला ऐसा बांध है जिसमें ‘स्लूप गेट्स’ का उपयोग किया गया। यह बांध खारून नदी की सहायक नदी सुनेल पर स्थित है और इसका जलाशय लगभग 10,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
प्राकृतिक सौंदर्य
मुरुमसिल्ली क्षेत्र चारों ओर हरियाली से घिरा हुआ है। पहाड़ियों, जलप्रपातों, और घने जंगलों के बीच स्थित यह स्थान एक आदर्श पिकनिक स्पॉट बन गया है। सुबह और शाम के समय बांध से दिखाई देने वाले सूर्यास्त और सूर्योदय के दृश्य अत्यंत मनमोहक होते हैं। यहां का वातावरण शुद्ध, शांत और मन को सुकून देने वाला है।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
मुरुमसिल्ली क्षेत्र में कई आदिवासी समुदाय रहते हैं जो अपनी विशिष्ट परंपराओं और सांस्कृतिक उत्सवों के लिए जाने जाते हैं। यहां समय-समय पर आयोजित होने वाले लोकनृत्य, त्योहार, और मेलों में पर्यटक स्थानीय संस्कृति को नजदीक से देख सकते हैं। इसके अलावा, पास ही स्थित माँ अंगारमोती का मंदिर भी भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
विकास कार्य और योजनाएं
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने मुरुमसिल्ली को “ईको टूरिज्म जोन” के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। योजनाओं के अंतर्गत निम्नलिखित विकास कार्य हो रहे हैं:
- बांस और लकड़ी से बने ईको-फ्रेंडली हट्स का निर्माण
- बोटिंग और कायाकिंग जैसी जलक्रीड़ा सुविधाओं की शुरुआत
- ट्रेकिंग ट्रेल्स और साइक्लिंग रूट्स का निर्माण
- स्थानीय हस्तशिल्प बाज़ार और कैफेटेरिया की स्थापना
- स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान
स्थानीय रोजगार को बढ़ावा
पर्यटन के विकास से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। गाइड, होटल स्टाफ, हस्तशिल्प विक्रेता और अन्य सहायक सेवाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ होगा। महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हस्तशिल्प और फूड प्रोडक्ट्स के निर्माण की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं।
पर्यटकों के लिए सुझाव
यदि आप मुरुमसिल्ली बांध घूमने की योजना बना रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उपयुक्त है।
- स्वस्थ पर्यावरण बनाए रखने के लिए कचरा न फैलाएं।
- स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें।
- प्राकृतिक ट्रेल्स पर गाइड की सहायता लें।
निष्कर्ष
मुरुमसिल्ली बांध केवल एक जल परियोजना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, प्राकृतिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण धरोहर है। सरकार की योजनाओं और स्थानीय सहभागिता से यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन सकता है। यहां का सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और शांत वातावरण निश्चित ही हर पर्यटक को आकर्षित करेगा।
Leave a Reply