धमतरी के बस स्टैंड स्थित आशियाना लॉज में युवक द्वारा आत्महत्या की यह घटना मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 को सामने आई।
धमतरी शहर के मुख्य बस स्टैंड के पास स्थित आशियाना लॉज में सोमवार सुबह एक युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक का शव उसके कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला। घटना की सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और कमरे की तलाशी ली। तलाशी के दौरान युवक के सामान से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिससे यह संकेत मिला कि वह मानसिक तनाव से जूझ रहा था।
मृतक की पहचान 26 वर्षीय रवि वर्मा के रूप में हुई है, जो धमतरी जिले के ही मगरलोड क्षेत्र का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि वह रविवार शाम को आशियाना लॉज में ठहरा था और उसने सिंगल बेड रूम बुक कराया था। लॉज के कर्मचारियों के अनुसार, उसने ज्यादा किसी से बातचीत नहीं की और सीधे कमरे में चला गया।
सोमवार सुबह जब लॉज स्टाफ ने रूटीन सफाई के लिए दरवाजा खटखटाया, तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। कई बार आवाज लगाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला, तो प्रबंधन को शक हुआ और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा, तो युवक का शव फंदे पर लटका मिला।
पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में युवक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में लिखा था कि वह लंबे समय से डिप्रेशन में था और अपने जीवन से बेहद निराश हो गया था। उसने अपने माता-पिता और परिवार से माफी मांगते हुए लिखा कि “अब मुझसे और नहीं सहा जा रहा, मैं थक गया हूं। मेरी मौत का किसी को दोषी न ठहराया जाए।”
कोतवाली थाना प्रभारी विजय चौधरी ने बताया कि सुसाइड नोट को जब्त कर लिया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। युवक के मोबाइल और अन्य सामानों को भी जब्त कर डिजिटल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वास्तविक परिस्थितियों की पुष्टि की जा सकेगी।
इस घटना के बाद युवक के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि वह पिछले कुछ समय से काफी शांत और अकेला रहने लगा था, लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा।
इस आत्महत्या की घटना ने एक बार फिर समाज में मानसिक स्वास्थ्य और डिप्रेशन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। युवाओं में बढ़ते तनाव, अकेलापन और आत्महत्या की प्रवृत्ति चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
पुलिस फिलहाल मामले की हर पहलु से जांच कर रही है और लॉज के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि युवक कमरे में अकेला था या नहीं।
समाजसेवियों और मनोचिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मामलों में परिवार और दोस्तों को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि किसी की जान बचाई जा सके। बातचीत, सहयोग और समय पर काउंसलिंग ही ऐसे कदमों को रोका जा सकता है।
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