Reserve Bank of India की वित्तीय शिक्षा व जागरूकता कार्यशाला 2025 का आयोजन धमतरी जिले के ग्राम-संभलपुर में संपन्न .

Reserve Bank of India की वित्तीय शिक्षा व जागरूकता कार्यशाला 2025 का आयोजन धमतरी जिले के ग्राम-संभलपुर में संपन्न .

धमतरी, 10 अप्रैल।

By : wccsnews24.com
भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से समर्पित संस्था द्वारा जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत चौथे चरण की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज पंचायत भवन, ग्राम-संभलपुर, ब्लॉक-कुरूद, जिला-धमतरी में किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बैंक उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना तथा वित्तीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था।

Reserve Bank of India की वित्तीय शिक्षा व जागरूकता कार्यशाला 2025 का आयोजन धमतरी जिले के ग्राम-संभलपुर में संपन्न .
Reserve Bank of India की वित्तीय शिक्षा व जागरूकता कार्यशाला 2025 का आयोजन धमतरी.

श्रीमती मंजू चंद्राकर:

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ग्राम-संभलपुर की सरपंच श्रीमती मंजू चंद्राकर थीं। उन्होंने बैंकिंग उपभोक्ताओं के अधिकारों एवं उनके हितों की रक्षा हेतु विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और समर्पित संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था समाज के अंतिम व्यक्ति तक वित्तीय साक्षरता पहुंचाने का सराहनीय कार्य कर रही है।

डॉ. संदीप शर्मा:

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए समर्पित संस्था के अध्यक्ष डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उपभोक्ताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह जागरूकता अभियान प्रारंभ किया है। उन्होंने प्रतिभागियों को आगाह किया कि भारतीय रिजर्व बैंक, बीमा नियामक प्राधिकरण या आयकर विभाग के नाम पर निवेश, बोनस या पुरस्कार के बहाने से आने वाली फर्जी कॉलों से सावधान रहें। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों की 50 सदस्यों से अपील की कि वे कार्यशाला में प्राप्त ज्ञान को समाज के अन्य लोगों तक भी पहुंचाएं।

श्री हितेश मिश्रा और श्रीमती ज्योति सिंह:

कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर श्री हितेश मिश्रा और श्रीमती ज्योति सिंह ने बैंक खाता संचालन, बचत योजना, वित्तीय प्रबंधन, केवाईसी प्रक्रिया, बैंक ऋण, उपभोक्ताओं के अधिकार, बैंकिंग लोकपाल, चिटफंड कंपनियां एवं नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

इस कार्यशाला को सफल बनाने में संस्था के समन्वयक श्री पी.एल. खैरवार, श्री निमेष साहू, श्री अज़ीम हैदर, श्रीमती मधुबाला यदु, श्री अनिकेत गुप्ता और श्री उमाशंकर पाल का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम की जानकारी समन्वयक श्री पी.एल. खैरवार द्वारा दी गई।

यह कार्यशाला न केवल जानकारी का माध्यम बनी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित हुई।

ग्राम-संभलपुर में आयोजित कार्यशाला

ग्राम-संभलपुर (ब्लॉक-कुरूद) स्थित पंचायत भवन में आयोजित पहली कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम की सरपंच श्रीमती मंजू चंद्राकर उपस्थित रहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से समर्पित संस्था द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक वित्तीय साक्षरता पहुँचाने का कार्य अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने उपस्थित महिला स्व-सहायता समूह की 50 सदस्यों को संबोधित करते हुए बैंकिंग अधिकारों और योजनाओं की जानकारी को अपने समुदाय में साझा करने की अपील की।

कार्यक्रम में समर्पित संस्था के अध्यक्ष डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय रिजर्व बैंक ने उपभोक्ताओं को वित्तीय ठगी से बचाने एवं जागरूक करने के उद्देश्य से की है। उन्होंने प्रतिभागियों को सचेत करते हुए बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक, बीमा नियामक अथवा आयकर विभाग के नाम पर आने वाली फर्जी कॉलों से सतर्क रहें और किसी भी प्रलोभन में आकर अपनी जमा पूंजी न गवाएं।

मास्टर ट्रेनर हितेश मिश्रा और ज्योति सिंह ने बैंक खाता संचालन, बचत योजनाएं, ऋण प्रक्रियाएं, केवाईसी, बैंकिंग लोकपाल, चिटफंड कंपनियों व एनबीएफसी आदि से जुड़ी जानकारियां दीं। कार्यशाला को सफल बनाने में समन्वयक पी.एल. खैरवार समेत निमेष साहू, अज़ीम हैदर, मधुबाला यदु, अनिकेत गुप्ता, उमाशंकर पाल आदि का योगदान उल्लेखनीय रहा।


जनपद पंचायत सभा कक्ष, कुरूद में दूसरी कार्यशाला

इसी कड़ी में दूसरी कार्यशाला का आयोजन ब्लॉक कुरूद के जनपद पंचायत सभा कक्ष में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद पंचायत के डी.ई.ओ. श्री डी.एस. नेताम उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वित्तीय शिक्षा वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है, जिससे व्यक्ति न केवल स्वयं बल्कि अपने पूरे परिवार की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ बना सकता है।

श्री नेताम ने कहा कि प्रत्येक बैंक उपभोक्ता को अपने खातों व निवेश से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है, और यदि बैंक प्रबंधन जानकारी नहीं देता है, तो उसे तुरंत बैंकिंग लोकपाल से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कार्यशाला में प्रतिभागियों की भागीदारी को देखकर इसे सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक सकारात्मक संकेत बताया।

कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए डॉ. संदीप शर्मा ने कहा कि बैंकिंग अज्ञानता के कारण लोग चिटफंड कंपनियों, ऑनलाइन शॉपिंग, और फर्जी कॉल्स के जरिए ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसी कारण इस कार्यशाला में महिला स्व-सहायता समूहों और मितानीनों को विशेष रूप से शामिल किया गया ताकि वे अपने-अपने समुदायों में वित्तीय शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर सकें।

उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम के लिए पूरे देश में केवल 20 संस्थाओं का चयन किया गया है, जिनमें समर्पित संस्था शामिल है। साथ ही, समर्पित संस्था इस कार्यक्रम के लिए चुनी गई छत्तीसगढ़ की एकमात्र संस्था है।

कार्यशाला में श्री हितेश मिश्रा और श्रीमती ज्योति सिंह ने बैंकिंग सेवाओं, डिजीटल बैंकिंग, वरिष्ठ व दिव्यांग उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध विशेष सुविधाओं समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। आयोजन को सफल बनाने में पी.एल. खैरवार, निमेष साहू, तेजेन्द्र सेन, कमलकांत कश्यप, अज़ीम हैदर, मधुबाला यदु, उमाशंकर पाल, अनिकेत गुप्ता और वैशाली ध्रुव का सराहनीय योगदान रहा।


इन दोनों कार्यशालाओं के माध्यम से समर्पित संस्था ने वित्तीय साक्षरता को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक सशक्त पहल की है, जो समाज में आर्थिक जागरूकता और सशक्तिकरण को नया आयाम दे रही है।

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