धमतरी जिला मुख्यालय में मंगलवार को कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय नशामुक्ति समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य जिले में नशे के खिलाफ चल रहे अभियानों की समीक्षा करना और आगामी रणनीति पर चर्चा करना था।
कलेक्टर के स्पष्ट निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि नशा समाज के लिए एक गंभीर संकट बन चुका है, विशेष रूप से युवाओं को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अवैध शराब, गांजा, और अन्य नशीली दवाओं की बिक्री व सेवन पर सख्ती से रोक लगाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक काम नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
विभागों की प्रस्तुतियाँ
बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि जिले में नशा पीड़ितों के लिए परामर्श व पुनर्वास सुविधाएं उपलब्ध हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि बच्चों और किशोरों को नशे के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूलों, आंगनबाड़ियों में नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
शिक्षा और जागरूकता पर जोर
कलेक्टर ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि स्कूलों और कॉलेजों में जीवन कौशल शिक्षा, तनाव प्रबंधन और नशे से बचाव पर आधारित विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएं। उन्होंने ग्राम पंचायतों, मोहल्लों और शहरी वार्डों में जनजागरूकता अभियान चलाने के लिए भी निर्देश दिए।
पुलिस और निगरानी व्यवस्था
पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए कि जिले में संदिग्ध स्थानों की नियमित जांच करें और किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई करें। कलेक्टर ने कहा कि पुलिस और प्रशासन मिलकर नशे के विरुद्ध अभियान चलाएं।
प्रचार सामग्री और जन भागीदारी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिले के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर नशामुक्ति से संबंधित पोस्टर, बैनर और स्लोगन लगाए जाएंगे। साथ ही नशा छोड़ चुके व्यक्तियों की प्रेरणादायक कहानियाँ लोगों के बीच साझा की जाएंगी ताकि अन्य लोग भी प्रेरित हो सकें।
कलेक्टर का आह्वान
बैठक के अंत में कलेक्टर ने कहा, “नशा उन्मूलन केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। यदि हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो धमतरी को जल्द ही एक नशामुक्त और स्वस्थ जिला बनाया जा सकता है।”
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