तारीख: 22 मई 2025 | स्थान: गुण्डरदेही एवं कोटागांव, जिला धमतरी
May 22, 2025 By : wccsnews24.com
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में सुशासन और जनकल्याण को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान “सुशासन तिहार 2025” के तहत आज धमतरी जिले के गुण्डरदेही नगर पंचायत और ग्राम कोटागांव में “समाधान शिविर” का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य है—सार्वजनिक सेवाओं की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करना और आमजन की शिकायतों का त्वरित समाधान प्रदान करना।
समाधान शिविर का उद्देश्य
“समाधान शिविर” एक प्रशासनिक नवाचार है, जिसकी परिकल्पना मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। साथ ही, प्रशासन और जनता के बीच संवाद को मजबूत करना भी इसका प्रमुख लक्ष्य है।
प्रमुख सेवाएं और योजनाएं
शिविर के दौरान निम्नलिखित सेवाएं व योजनाएं उपलब्ध कराई गईं:
- राशन कार्ड से संबंधित शिकायतों का निपटारा
- पेंशन योजनाओं में आवेदन और अद्यतन
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के लिए पात्रता जांच
- मनरेगा जॉब कार्ड वितरण और मजदूरी भुगतान की शिकायतें
- स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की जानकारी व रजिस्ट्रेशन
- शिक्षा से संबंधित छात्रवृत्तियों की जानकारी
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की भूमिका
शिविर में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, जनपद पंचायत के सदस्य, ग्राम पंचायत सचिव, और विभागीय अधिकारी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं, आवेदन लिए, और कई मामलों का तत्काल मौके पर समाधान भी किया।
विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने जनता को योजनाओं की जानकारी दी और उन्हें प्रेरित किया कि वे इन योजनाओं का अधिकतम लाभ लें।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों ने शिविर के आयोजन पर संतोष व्यक्त किया। कई लोगों ने बताया कि जो कार्य महीनों से अटके थे, वे कुछ ही घंटों में पूरे हो गए। विशेषकर वृद्धजन और महिलाओं को इसका सीधा लाभ मिला।
“हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी पेंशन संबंधी समस्या का समाधान गांव में ही हो जाएगा। प्रशासन का धन्यवाद!” — गीता बाई, कोटागांव
सुशासन तिहार की व्यापक रणनीति
छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन तिहार’ केवल एक अभियान नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक ठोस पहल है। इसका लक्ष्य हर नागरिक तक बुनियादी सेवाएं पहुंचाना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना और जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास मजबूत करना है।
समाधान शिविर इसके केंद्र में है, जहाँ प्रशासन खुद जनता के पास जाकर उन्हें सुना और समझा रहा है।
निष्कर्ष
धमतरी जिले के गुण्डरदेही और कोटागांव में आयोजित समाधान शिविर ने एक बार फिर साबित किया कि जब शासन इच्छाशक्ति के साथ कार्य करता है, तो बदलाव ज़मीनी स्तर पर दिखाई देता है। इससे जनता और शासन के बीच की दूरी कम होती है और ‘जनता की सरकार, जनता के द्वार’ की अवधारणा साकार होती है।
आशा की जा रही है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इसी तरह के शिविरों के माध्यम से व्यापक जनसमस्याओं का समाधान हो सकेगा।
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