25 जून 2025 | वित्त / RBI

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 24 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बैंकिंग प्रणाली में बढ़ती तरलता (liquidity) को नियंत्रित करने के लिए RBI ने 7-दिवसीय ₹1 ट्रिलियन की Variable Rate Reverse Repo (VRRR) नीलामी की घोषणा की है।
RBI के अनुसार, यह निर्णय बाजार में अल्पकालिक ब्याज दरों में गिरावट को रोकने और सिस्टम में अतिरिक्त नकदी की उपलब्धता को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
क्या है VRRR?
VRRR यानी Variable Rate Reverse Repo एक ऐसा उपकरण है जिसके ज़रिए RBI बैंकों से उनकी अतिरिक्त नकदी एक तय समय के लिए वापस लेता है और बदले में उन्हें ब्याज देता है। यह उपाय अस्थायी रूप से तरलता को सोखने के लिए किया जाता है।
इस फैसले का उद्देश्य:
- बैंकिंग प्रणाली में मौजूदा अधिशेष तरलता को कम करना
- ब्याज दरों में स्थिरता बनाए रखना
- मुद्रास्फीति पर नियंत्रण का प्रयास
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले एक संकेत हो सकता है कि RBI वित्तीय स्थिरता और मुद्रास्फीति के लक्ष्य को संतुलित रखने पर ध्यान दे रहा है।
इससे बैंकों के लिए फंडिंग कॉस्ट थोड़ी बढ़ सकती है और अल्पकालिक बॉन्ड रिटर्न पर भी असर पड़ेगा। हालांकि, इससे बाजार में नकदी का बहाव नियंत्रित होगा जो दीर्घकालीन दृष्टिकोण से फायदेमंद हो सकता है।
निष्कर्ष:
RBI का यह कदम उस स्थिति को संभालने की दिशा में है जहां बैंकिंग प्रणाली में जरूरत से ज्यादा नकदी है। यह एक परिष्कृत तरलता प्रबंधन का हिस्सा है जिससे अल्पकालिक अस्थिरता को रोका जा सके।
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